1.
भूमिका
भूमिका
यह
योजना 2 अक्टूबर 1993 से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री. पी. वी.नरसिंह राव
की पहल पर शुरू की गई है| इस
समय यह योजना
देश के 2446 ऐसे
प्रखंडो में क्रियान्वित की जा रही है, जहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्गों तथा अत्यंत गरीब लोगों की संख्या ज्यादा है|
सूखा क्षेत्रों तथा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों
में भी इस कार्यक्रम
की शूरूआत की गई है|
उद्देश्य/मुख्य विशेषताएँ
गाँव
के अकुशल मजदूरों को वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार निश्चित रूप से उपलब्ध
कराने के कारण ही इस योजना का नाम सुनिश्चित रोजगार योजना रखा गया है|
100 दिन
का रोजगार एक जरूरतमंद व्यक्ति को मिल जय यह सुनिश्चित करने के
लिए गाँव में जरूरतमंद परिवारों की पहचान के कर परिवार को परिवार कार्ड
उपलब्ध कराया जाता है| परिवार
कार्ड में
परिवार की पूरी जानकारी अंकित रहती है| उस परिवार के कम से कम 2 लोगों को जितना दिन रोजगार उपलब्ध कराया जाता
उसकी जानकारी परिवार कार्ड में दर्ज होते जाती है|
सुनिश्चित
रोजगार योजना का क्रियान्वयन जिला विकास विभाग के माध्यम से करवाया जाता है|
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण प्रखंड एवं पंचायतों के
द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाता है| अत: उन्हें इस योजना का कार्यान्वयन प्राधिकारी
भी कहा जाता है|
सुनिश्चित रोजगार योजना के तहत काम
सुनिश्चित
रोजगार योजना के तहत निम्न प्रकार के काम जो श्रम प्रधान हैं, कराये जाते हैं :-
क)
वन रोपण, कृषि उद्यान तथा जल
एवं
भूसंरक्षण
संबंधी कार्य
- 40 प्रतिशत
ख)
लघु सिंचाई कार्य
- 20 प्रतिशत
ग)
सडकें
- 20 प्रतिशत
घ)
प्राथमिकता पाठशाला तथा आंगनबाड़ी भवन
- 20 प्रतिशत
अर्थात
यदि योजना में 10 कार्य
रोजगार देने
के लिए आरम्भ किये जाने हैं तो इनमें अधिक से अधिक 2 ही सड़कें तथा स्कूल भवन तथा एक anganba आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कराया जा सकता
है|
इस
योजना में काम करने वाले मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी
दी जाती है| स्त्री
और पुरूष की मजदूरी
में कोई अंतर नहीं रहता है| मजदूरी
का भुगतान कार्य स्थल पर नकद रूप में किया जाता है| अगर आवश्यकता हुई तो मजदूरी का आधा
भुगतान खाद्यान्न के रूप में भी किया जा सकता है, परंतु खाद्यान्न की कीमत खुले बाजार की कीमतें से कम लगायी
जानी चाहिए| सप्ताह
में एक बार मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए| भुगतान के समय मुखिया, सरपंच एवं पंचायत समिति के सदस्यों का उपस्थित रहना
अनिवार्य है|
जब
कभी कम से कम 20 वयस्क
लोग (जिनका नाम इस योजना
के तहत परिवारिक कार्ड में दर्ज है) मंदी के मौसम के दौरान काम की मांग करते हैं, तो प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा 15
दिन के अंदर नए काम शुरू कराकर तब तक रोजगार
मुहैया कराया जाना चाहिए जब तक कि सुनिश्चित रोजगार योजना चल रहे
अन्य कार्यों में इस तरह का रोजगार
उपलब्ध न हो|
किन्तु यदि 10 व्यक्तियों द्वारा ही रोजगार की मांग की
जाती है, तब प्रखंड विकास
पदाधिकारी अपने विवेक से वैसे नए काम शुरू करा सकते हैं, जो कार्य 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा|
सुनिश्चित
रोजगार योजना के तहत शुरू किये जाने वाले स्थल पर एक बोर्ड भी लगाया जाना चाहिए
जिसमें कार्य का स्वरूप तथा बजट अंकित रहे|
कार्य स्थल पर मजदूरों की सुविधा
सुनिश्चित
रोजगार योजना के कार्य स्थल पर मजदूरों की सुविधा के लिए निम्नलिखित सुविधाओं का
रहना अनिवार्य है –
क)
पेयजल |
ख)
प्राथमिक चिकित्सा |
ग)
महिला मजदूरों के छोटे बच्चों के लिए एक महिला रखकर बालवाडी की व्यवस्था|
घ)
न्यूनतम मजदूरी और इस मजदूरी के उत्पादन मानदंडो को दर्शाने वाला सूचना पट्ट|
गाँव
के अकुशल तथा गरीबी रेखा के नीचे रह रहे मजदूरों को इस योजना से लाभ
लेने के लिए पारिवारिक रोजगार कार्ड’ में उनका नाम रहना जरूरी है| अत: उन लोगों को चाहिए कि वे सर्वप्रथम यह जानकारी लें कि
उनका प्रखंड सुनिश्चित रोजगार वाले प्रखंड में आता है या नहीं| अगर आता है तो अविलंब उन्हें प्रखंड
विकास पदाधिकारी से संपर्क करना चाहिए| प्रखंड विकास प्रदाधिकारी मजदूरों को
पारिवारिक रोजगार कार्ड कोई उपलब्ध कराने की आवश्यक कार्यवाही
करेंगे|
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