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परिचय
परिचय
यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है। प्रधानमंत्री जन धन योजना सब का साथ सब का विकास की हमारी विकास अवधारणा का अहम भाग है। एक बैंक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी।इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से बाहर निकलने,आपातकालीन जरूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह-तरह के वित्तीय उत्पादों से लाभान्वित होने का मौका मिलेगा। पहले कदम के तहत हर खाताधारक को एक रुपे डेबिट कार्ड और एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा। आगे चलकर उन्हें बीमा और पेंशन उत्पादों के दायरे में लाया जाएगा।
वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता
‘पीएमजेडीवाई’ के तहत वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के प्रति जागरूकता के लिए देशी भाषाओं में एक मानक वित्तीय साक्षरता सामग्री भी तैयार की गई है। इस योजना के तहत कम-से-कम एक खाते के साथ 7.5 करोड़ परिवारों को कवर किये जाने का अनुमान है।योजना की मुख्य बातें
1. प्रधानमंत्री वित्तीय समावेश पर
28 अगस्त 2014 को ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) नामक राष्ट्रीय मिशन का
2. यह मिशन दो चरणों में लागू होगा।
3. पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा जिसमें निम्नलिखित शामिल
हैं:-
(1) पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के
अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच
उपलब्ध कराना।
(2) सभी परिवारों को एक लाख रुपये के दुर्घटना
बीमा कवर सहित रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध
कराना। इसके अलावा खाते का छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद
आधार से जुड़े खातों पर पांच हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जायेगी।
(3) वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू करना
जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है।
(4) इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों
के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
का विस्तार भी शामिल है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को रुपे किसान कार्ड के
रूप में जारी करना भी योजना के अधीन प्रस्तावित
है।
5. चरण दो 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा।
(1) लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना।
(2) बिजनेस कॉरसपोंडेंट (बीसी) के माध्यम
से स्वाबलम्बन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू करना।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सभी परिवारों तक पहुंचना
इस योजना में मुख्य बात यह है
कि पूर्व में लक्षित गांव के बजाय इस बार परिवारों को लक्ष्य में रखा जा रहा है। इसके
अलावा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को इस बार योजना में कवर किया जा रहा
है, जबकि पहले केवल
ग्रामीण क्षेत्रों को ही लक्ष्य में रखा गया था। वर्तमान योजना में वित्त मंत्री के
नेतृत्व वाले मिशन द्वारा निगरानी पर विशेष जोर देने के साथ डिजिटल वित्तीय
समावेश का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना - पहले दिन एक करोड़ से अधिक खाते
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 70000 से अधिक कैम्पों में 1,84,68,000 खाते खोले गए।देशभर में करीब 7.5 करोड़ ऐसे खाते धारक जो अभी तक बैंकों से नहीं जुड़े थे उनका वित्तीय समावेशन करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत 7.5 करोड़ बैंक खाते खोलने का लक्ष्य 26 जनवरी, 2015 तक पूरा किया जाना है।
79 मेगा कैम्पों के माध्यम से राज्य की राजधानियों तथा जिलों में 70 हजार से अधिक कैंप आयोजित किए गए तथा 1,84,68,000 खाते खोले गए। यह निर्णय लिया गया कि इसके पश्चात् बैंक इस प्रकार के कैंप साप्ताहिक आधार पर हर शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित करेंगे जिससे उन परिवारों जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है उन्हें बैंको से जोड़ने का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया जाए।
योजना के तहत, बिना बैंक खाते वाले परिवार का व्यक्ति खाता खोलता है तो उसे 1 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा के साथ ‘रूपे’ डेबिट कार्ड मिलेगा। 26 जनवरी 2015 तक खोले गए खातों के लिए 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जीवन बीमा कवर देने की भी प्रधानमंत्री ने घोषणा की। इस अतिरिक्त जीवन बीमा कवर के तौर-तरीकों पर वित्तीय सेवाएं विभाग कार्य कर रहा है।
लाभार्थियों, जिनका पहले से बैंक खाता है वे भी इस योजना के तहत 26 जनवरी, 2015 से पहले उनके बैंक की शाखा से जारी ‘रूपे’ कार्ड लेकर 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा तथा 30 हजार रूपए का जीवन बीमा लेने के पात्र हैं।
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