1.
भूमिका
भूमिका
राज्य
सरकार द्वारा चल रही वृद्धावस्था (असहाय) मासिक पेंशन कार्यक्रम के अलावे राष्ट्रीय
सामाजिक सहायता
कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 15.8.95 से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन परियोजना चलाने का
निर्णय लिया है| इस
योजना के अंतर्गत 65 वर्ष
से ऊपर के असहाय वृद्धा व्यक्तियों को 75 रू. प्रतिमाह पेंशन दिया जाता है|
वृद्धावस्था (असहाय) मासिक पेंशन
वैसे
पुरूष और महिला जिनकी आयु 60 वर्ष से ऊपर है. जो असहाय
हैं, जिन्हें छोटानागपुर
एवं संथालपरगना में ढाई एकड़ तक असिंचित भूमि या राज्य के अन्य
क्षेत्र में एक एकड़ तक असिंचित भूमि है तथा जो झारखण्ड राज्य में पिछले पेंशन
दी जाती है| विधवाओं,
बंधुवा मजदूरों और विकलांगो की उम्र 60 वर्ष से कम करने के बावजूद भी उन्हें
पेंशन दिया जाता
है| अर्थात विधवाओं,
बंधुवा मजदूरों और विकलागों के लिए कोइ
आयु सीमा नहीं
है| अपंगो को (जो कुष्ठ,
यक्ष्मा, लकवा, आदि के कारण जीविकापार्जन में असमर्थ हैं) भी मासिक
पेंशन मिलता है|
क) वृद्धावस्था (असहाय) मासिक पेंशन किसे नहीं मिलता है
उपर्युक्त
लक्ष्य वर्ग के अलावे अन्य किसी भी व्यक्ति को मासिक पेंशन नहीं
मिलेगा| साथ ही साथ लक्ष्य
वर्ग के वैसे
व्यक्ति जो अनाथालय, निर्धन
गृह धार्मिक संस्थाओं या अन्यत्र कहीं स्थायी रूप से रह रहे हों और उनका
नि:शुल्क भरण-पोषण किया जा रहा हो तो उनको मासिक पेंशन नहीं मिलेगा|
(ख) मासिक पेंशन की राशि कितनी दी जाती है?
मासिक
पेंशन की राशि 100/- रू.प्रति
माह है|
(ग) मासिक पेंशन लेने की क्या प्रक्रिया है?
वह
व्यक्ति जो लक्ष्य वर्ग में आता है उसे विहित प्रपत्र में आवश्यक
कागजातों को साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी के यहाँ आवेदन जमा करना चाहिए|
आवेदन
की तिथि के 60 दिनों
के अंदर प्रखंड
विकास पदाधिकारी आवेदन के तथ्यों की जाँच करते हैं एवं अपनी सिफारिश आवेदन पर लिखकर अनुमंडल पदाधिकारी
के यहाँ भेज देते हैं| अनुमंडल पदाधिकारी अलग 60
दिनों के अंदर पत्र स्वीकृत करके तथा
आवश्यक कारवाई करके प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रेषित कर देते हैं| तदुपरान्त आवेदक को आजीवन पेंशन प्रतिमाह
प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा दिया जाता रहता है|
प्रधानमंत्री की सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
15 अगस्त
1995 को तत्कालीन
प्रधानमंत्री श्री. पी. वी. नरसिम्हा राव द्वारा तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की
घोषणा की गई|
क)
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन परियोजना
ख)
रास्ट्रीय परिवार लाभ परियोजना
ग)
राष्ट्रीय मातृत्व लाभ परियोजना
क) राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन परियोजना
ग्रामीण
क्षेत्रों में इस योजना का लाभ उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसकी उम्र 65
वर्ष से ऊपर (अधिक) है एवं जिसकी पारिवारिक वार्षिक आय,
5000 रू. अथवा उससे कम है|
राष्ट्रीय
वृद्धावस्था पेंशन लेने लाभार्थियों का चयन गांवों में ग्राम पंचायत द्वारा तथा
शहरों में नगरपालिका द्वारा किया जाता है |
इस
योजना का लाभ पाने के लिए लक्ष्य वर्ग के व्यक्ति को विहित प्रपत्र में आवश्यक
संल्ग्नों के साथ आवेदन ग्राम पंचायत/नगरपालिका में देना चाहिए|
ग्राम
पंचायत/ नगरपालिका द्वारा अनुमोदित की गई सूची के आधार पर केंद्र सरकार,
राज्य सरकार की सहायता से लाभार्थियों को 75रू. मासिक पेंशन उपलब्ध कराएगी| इसके लिए सभी लाभार्थियों को अपने नजदीक के
बैंक या पोस्ट में खाता खोलना पड़ेगा| पेंशन की राशि उनके खाते में प्रतिमाह जमा कर दी जाएगी|
ख) राष्ट्रीय परिवार लाभ परियोजना
गरीबी
रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के जीविकोपार्जक के असामयिक निधन
से होने वाली आर्थिक तकलीफ को दूर करने के लिए यह परियोजना दिनांक 15.8.95
से केंद्र सरकार द्वारा चलाने की घोषणा की गई है|
गरीबी
रेखा से नीचे के परिवार के जीविकोपार्जक जिसकी उम्र 18 से अधिक और 65 वर्ष तक है, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके परिवार
के सदस्यों को 5000 रू.
की एक मुश्त राशि दी दी जाती है| अगर जीविकोपार्जक की मृत्यु किसी
दुर्घटना, इत्यादि से हो जाती
है तो परिवार
के सदस्यों को 10,000 रू.
की राशि मुहैया करायी जाएगी|
इस
योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत/ नगरपालिका के माध्यम से कराया
जाएग| जीविकोपार्जक की
मृत्यु होने पर
परिवार के सदस्यों को चाहिए की वे मृत्यु होने पर मृत्यु की सूचना ग्राम पंचायत के
मुख्या/वार्ड कमिश्नर के अविलंब दें| मुखिया/वार्ड कमिश्नर परिवार को राहत दिलाने की करवाई करेंगे
एवं 5 दिनों के अंदर राहत
की राशि उपलब्ध
करा दी जाएगी|
ग) राष्ट्रीय मातृत्व लाभ परियोजना
गरीबी
रेखा के नीचे रहने वाली 19 वर्ष
से ऊपर की महिलाओं को उनके प्रसवकाल में एक मुश्त राशि (300रू.) देकर जच्चा और बच्चा को स्वस्थ रखने के
उद्देश्य से यह परियोजना 15.8.95 से केंद्र सरकार द्वारा
लागू की गई है|
18 साल
से ऊपर गरीबी रेखा के नीचे वाली महिलाओं को उनके पहले और दुसरे प्रसव
में तीन - तीन सौ रूपए राशि अनुदान के रूप में अनुमानित प्रसव की तिथि के 12
से 3 सप्ताह पूर्व मुहैया करायी जाती है|
झारखण्ड राज्य में योजना
झारखण्ड
सरकार ने इस योजना को संशोधित करके अपने राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है|
जैसे:-
इस योजना का लाभ उसी महिला को मिलेगा जो 19 वर्ष से ऊपर की है,परन्तु जिसकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 5000
रू. तक तथा शहरी क्षेत्रों में 5500
रू तक है| इस सीमा से ऊपर जीवन बसर करने वाली महिला
को यह लाभ नहीं मिल पायेगा यद्यपि वह गरीबी रेखा से नीचे की रहने वाली है|
केंद्र
सरकार ने अपनी योजना में एक महिला के दो प्रवासों के बीच के अन्तराल को 3
वर्ष अनिवार्य नहीं माना है, जबकि राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है
कि पहले प्रसव में जिस महिला को 300 रू. मिल चुका है, उसे दूसरे प्रसव के लिए 300 रूपया तभी मिलगे जब दूसरा प्रसव 3 वर्ष के बाद होने वाला हो|
वैसी
महिला को जो इस योजना के लक्ष्य वर्ग में आती है, उसे इस योजना से लाभ लेने के लिए विहित
प्रपत्र में आवश्यक
कागजातों के साथ आवेदन ,मुखिया/
नगरपालिका अधिकारी को देना चाहिए|
असंगठित ग्रुप बीमा योजना
झारखण्ड
राज्य में आसंगठित क्षेत्र (अर्थात
छोटे – छोटे निजी क्षेत्रों
में काम करने वाले लोग) में कार्यरत मजदूरों के लिए असंगठित ग्रुप बीमा
योजना लागू है|
कौन मजदूर इस बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं
(क)
खेतिहर मजदूर
(ख)
छोटी- छोटी एवं प्रतिष्ठानों में कार्यरत मजदूर
(ग)
बीड़ी मजदूर
(घ)
ईंट भट्ठे में कार्यरत मजदूर
(च)
निर्माण कार्य में कार्यरत मजदूर, जो
मका, सड़क, नहर, कुआँ बांध की मिट्टी काटने
(झ)
छोटी-छोटी दुकान लगाकर सामग्रियां बेचने वाले, खोंचे/ डगरना/ खनचिया इत्यादि में
सामग्रियां
बेचने वाले अर्थात फेरी कर सामान बेचने वाले, इत्यादि
(ट)
परिवहन कर्मचारी जो ट्रक, बस,
टैक्सी, ट्रैक्टर, टेम्पो इत्यादि में कार्यरत हो|
उपर्युक्त
मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने कुछ मापदंड भी तय किए हैं| जैसे- जिस मजदूर की सभी स्रोतों से
वर्षिक आय 6000 रूपए
तक है तथा जिसकी उम्र 16 से
65 वर्ष तक की है,
उसी को इस योजना का लाभ मिलेगा|
लक्ष्य
वर्ग के मजदूर इस योजना का लाभ तभी ले सकते हैं यदि उनका निबंधन “दी न्यू इंडिया इंशयूरेंस कंपनी लिमिटेड” पटना या राँची में हुआ रहता है| अत: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को चाहिए कि वे अपना
निबंधन करा लें|
निबंधन
के लिए अंसगठित क्षेत्र के मजदूरों को विहित प्रपत्र में आवश्यक
कागजातों के साथ अपने आवेदन की दो प्रतियाँ प्रखंड विकास पदाधिकारी को
देना चाहिए| प्रखंड
विकास पदाधिकारी ऐसे सभी प्राप्त आवेदनों को बीमा कम्पनी भेज देते हैं| बीमा कम्पनी प्रखंड विकास पदाधिकारी की
अनुशंसा पर मजदूरों का निबंधन कर लेती है एवं इसके सूचना प्रखंड कर्यालय को भेज देती है|
साधारणत:, यह कार्य साल के प्रथम माह जनवरी-फरवरी में
प्रतिवर्ष किया जाता है|
निबंधन
हो जाने के बाद मजदूर
की किसी तरह
का ‘प्रीमियम’ नहीं जमा करना पड़ता है| 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक वह बीमित हो जाता है और
इस बीच उसके दुर्घटना हो जाती है तो उसे बीमा राशि निम्नलिखित नियमानुसार मिलेगी –
क)
मृत्यु होने पर
- 1000 रूपए
नामित व्यक्ति को
ख)
दुर्घटना में दो अंगों के भंग हो जाने पर
- 3000 रूपए|
ग)
दुर्घटना में एक अंग का नुकसान होने पर
- 2000 रूपए|
बीमा
राशि को प्राप्त करने के लिए निबंधित मजदूर की मृत्यु होने पे नामित
व्यक्ति को चाहिए कि वह मृत्यु की सूचना अविलंब निकटतम थाना/ग्राम पंचायत/
प्रखंड में दे| बाद
में 30 दिनों के अंदर दुर्घटना के
घटित होने का विवरण विहित प्रपत्र में आवश्यक कागजातों के साथ तीन प्रतियों में प्रखंड विकास
पदाधिकारी के यहाँ जमा कर दिया जाना चाहिए| अगर मृत्यु नहीं हुई तो बीमित स्वयं
आवेदन करेगा|
प्रखंड
विकास पदाधिकारी दुर्घटना की जाँच आवेदन प्राप्ति के 14 दिनों के अंदर कर लेते हैं एवं अपनी
अनुशंसा लिखकर आवेदन को अनुमंडल पदाधिकारी के यहाँ भेज देते हैं| अनुमंडल कार्यालय में आवश्यक कारवाई के बाद
बीमा कंपनी के यहाँ दावा किया जाता है| बीमा कंपनी राशि के चेक के द्वारा अनुमंडल
पदाधिकारी के यहाँ भेज देती है| अनुमंडल पदाधिकारी प्रखंड
कार्यालय में चेक को भेजते हैं| चेक
मिलने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी दावेदार व्यक्ति को बचत खाता खोलने के लिए कहते
हैं एवं बचत
खाता खुल जाने पर बीमा की राशि उसमें जमा कर दी जाती है|
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