प्रिय पाठकों मेरा हर एहसास इस 'गजब ज्ञान' में अंकित हो इसी आशा के खातिर जीवन के हर पथ पे हासिल ज्ञान को मैंने इसमें स्थापित करने की कोशिश की है। आपके एहसास जब भी दम तोड़ने लगे तो 'गजब ज्ञान' के इस मंदिर में आपके एहसासों को जीवन मिल जाए यही मेरा अथक प्रयास है...मेरी कामयाबी आपकी आलोचना—समालोचना में ही निहित है, आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...इसलिए आप गजब ज्ञान के इस आंगन मे आकर जो भी कहना उचित समझें कहें...ताकि मेरे अहसासों को नया आयाम एवं नया अर्थ मिल सकें इसी इंतजार में ....
आपका अपना नन्दलाल शर्मा
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