अब कोई भी आपकी मर्जी के बिना आपका फ़ोन नही चला पायेगा जाने कैसे / Now no one can run your phone without your consent.

हेल्लो दोस्तों , जब हम अपने घर पर या अपने दोस्तों के बीच अपना फ़ोन चला रहे होते है , तो अक्सर वे हमसे अपना फ़ोन किसी न किसी काम के लिये मांग ही लेते है लेकिन हम  उन्हें अपना फ़ोन  देना पसंद नही करते   फिर भी हमे उन्हें अपना फ़ोन कई वजहों से  देना ही  पड़ता है | लेकिन अब नही , अब आपकी मर्जी के बिना कोई भीआपका फ़ोन  नही चला सकेगा |


 तो जाने कैसे ,  सबसे पहले आपको Google Play Store (गूगल प्ले स्टोर) पर जाना है | अब आपको सर्च इंजन पर Hide Screen लिखकर सर्च करना है |अब आपके सामने ये एप्लीकेशन  खुल चुकी है आप देखगे  की यह बहोत ही कम MB की एप्लीकेशन है और इसे 50 हजार लोगो ने भी   डाउनलोड कर रखा है |  तो अब  आप  इसे डाउनलोड करे , जब यह पुरी तरह से  डाउनलोड हो जाये , तब आप इसे इंस्टाल करे |इंस्टाल होने के बाद आप इसे ओपन करे ,ओपन करने के बाद आपके सामने START का ऑप्शन आयेगा इस पर क्लिक करे | अब आपको अपने  फ़ोन स्क्रीन  पर एक  Floating Icon दिखाई देगा इसका मतलब यह है की ये   एप्लीकेशन आपके फ़ोन में शुरू हो चुकी है |अब जब भी आप अपने फ़ोन पर कोई जरुरी काम कर रहे हो तब आप से कोई आपका फ़ोन मांगे तो आप  Floating Icon पर क्लिक करे , और अपना फ़ोन उसे दे दिजिए  | इससे आपका फ़ोन पुरी तरह ब्लेंक हो जायेगा और उसका स्टार्ट बटन भी काम नही करेगा  तो ऐसी स्थिती में आपका फ़ोन कोई भी नही चला सकेगा |और जब आपका फ़ोन आपको वापस मिल जाये तब आप अपने  फ़ोन की स्क्रीन पर डबल क्लिक (दो बार टच )करे , अब आपका फ़ोन वापिस शुरू हो जायेगा और आप अपने फ़ोन का उपयोग आसानी से कर पायेगे |

नई आसान एवं आकर्षक मेहंदी डिजाइंस / New easy and attractive Mehndi Designs




आज का मेरा विषय कुछ अलग जरुर है , लेकिन  अपने इन  दस वर्षो के अध्यापक जीवन में ये अनुभव किया कि की छात्राओ और बहनों  को मेहँदी लगानी  बहोत  प्रिय होती है | और वे इस कार्य को बड़ी ही कुशलता के साथ पूरा भी करती है |लेकिन कई बार डिज़ाइनस के आभाव में वे इस कार्य को लेकर अरुचि प्रकट करती है |    तो आज हम उन छात्राओ एवं बहनों के लिए कुछ आसन एवं आकर्षक डिज़ाइनस लेकर प्रस्तुत हुए है | ताकि वे इस कार्य को और भी रूचि के साथ एवं  आसानी से कर सके |











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सोशल मिडिया की किसी भी साईट को डिलीट करने का आसान तरीका जाने अभी / The easiest way to delete any site on social media is to go now

हेल्लो दोस्तों , जैसा की हम सभी जानते है | की आज के समय में हम सभी किसी न किसी तरह से सोशल मिडिया से जुड़े हुए है | लेकिन  कई बार ऐसा भी होता है , की हम अपने सोशल मिडिया के अकाउंट की वजह से परेशान भी हो जाते है या फिर हम अपने अकाउंट को हमेशा के लिए  डिलीट भी  करना चाहते है | परन्तु इसे डिलीट  करने के लिए हमे एक लम्बी प्रकिया का सामना करना पड़ता है | लेकिन आज हम आप को एक आसन तरीका बताएगे | जिससे आप आसानी से अपने सोशल मीडिया के किसी भी  अकाउंट कोआसानी से  डिलीट कर पायेगे |
सबसे पहले आप गूगल पर जाकर ( Account  Killer) नाम लिखे | अब जो साईट आपके सामने  खुली है उसमे कुछ नीचे की तरफ (Delete Your Online Account )लिखा होगा उस पर  क्लिक करे | इसके पश्चात आप के सामने बहोत सारी सोशल साइट्स जैसे (Facebook ,Twitter ,Google , whats'app ,Instagram,Gmail , Myspace)आदि  | आप जिस सोशल अकाउंट को डिलीट करना चाहते है , उस पर  क्लिक करे | जैसे उदाहरण के तोर पर जैसे हम Facebook के अकाउंट को डिलीट करना चाहते है | तो सबसे पहले हम Facebook पर क्लिक करेगे ,  अब आपके सामने  एक नया पेज खुलेगा जिसमे Direct Removal link पर क्लिक करे |अब आपके सामने आप का Facebook page खुलेगा जिसमे नीचे ही नीचे आपको मिलेगा Delete Account उस  पर क्लिक करे |फिर आपके सामने एक छोटा  सा बॉक्स खुलेगा उसमे आपको अपनेअकाउंट के पासवर्ड (Password) लगाने है | अब आपके सामने एक बॉक्स खुलेगा जिसमे आप से पुछा जायेगा , की आप अपना अकाउंट वास्तव में डिलीट करना चाहते है |यदि "हां" तो आप Delete Account  पर क्लिक करे | अब आपका Facebook अकाउंट 14 दिन की समय सीमा के  अंदर हमेशा के लिए डिलीट हो जायेगा यदि इसे log-in न किया जाये की शर्त का पालन करे | तो इसी तरह  आपके अन्य सोशल मीडियाअकाउंट भी अकाउंट के आधार पर दी गयी  समय सीमा  एवं शर्तो के आधार पर  हमेशा के लिए बंद हो जायेगे  |

बिना नाम से फोल्डर सेव करने की आसान ट्रिक / Easy trick to save folder with no name

हेलो दोस्तों ,जैसा की आप सभी जानते है | की किसी भी  फोल्डर को हम बिना नाम से  या खाली सेव नही  कर पाते  है | लेकिन आज हम आपको  बताएगे  की कैसे किसी  फोल्डर को बिना नाम से भी  सेव किया जा सकता है |
तो सबसे पहले आप उस फोल्डर  पर जाये जिसे आप बिना नाम से  सेव करना चाहते है | इसके बाद उस  फोल्डर  पर राईट क्लिक करे | अब आप के सामने  एक लिस्ट खुलेगी इसमे रीनेम (Rename) नाम से एक विकल्प होगा उस  पर क्लिक करे | उसके बाद आप   ALT  बटन (Button) के साथ 0 1 6 0 कोड डालकर इंटर (ENTER) बटन  पर क्लिक करे |अब आप देखेगे की आपका फोल्डर खाली अर्थात् बिना नाम से ही  सेव हो जायेगा |

एरोप्लेन मोड में भी डेटा उपयोग करने की सबसे सरल ट्रिक / The simplest trick to use data in aeroplan mode

हेलो दोस्तों , जैसा कि हम सभी जानते हैं की  एरोप्लेन मोड (Flight Mode)  पर हम अपने मोबाइल डेटा का उपयोग नहीं कर पाते हैं | लेकिन आज मैं आपको  एक ऐसी  आसान ट्रिक बताने जा रहा हु | जिससे आप अपने मोबाइल डेटा का उपयोग एरोप्लेन मोड (Flight Mode) में भी आसानी से   कर पाएगे  |

   
सबसे पहले आप अपने मोबाइल में  एरोप्लेन मोड (Flight Mode) विकल्प  को ऑन करें | इसके पश्चात कीपैड पर जाए और  * # * # 4 6 3 6 # * # * कोड  को  डायल करे ( लेकिन उसी  सिम  से जिससे आपका   डेटा कनेक्ट हो)  | इसके पश्चात मोबाइल इनफॉरमेशन (Mobile Information) नाम से एक लिस्ट खुलेगी , जिसमें रेडियो  कॉल पॉवर (Radio Call Power) विकल्प को  ऑन करें | इसके बाद आपका डाटा एरोप्लेन मोड (Flight Mode) की स्तिथी में भी  ऑन  हो जाएगा | यदि  इसके बाद भी आपका डेटा  ऑन न  हो, तो परेशान न होए और  मोर (More)  के विकल्प  पर जाए इसके बाद एक लिस्ट खुलेगी उसमें   अनेबल डेटा  कनेक्शन (Unable Data Connection) पर क्लिक करें | इसके पश्चात आपका डेटा  ऑन  हो जाएगा | और आप अपने डेटा का उपयोग आसानी से कर पायेगे |

जाने 26 नवंबर आज ही के दिन क्यों बनाया जाता है संविधान दिवस ? / Why is the Constituent Day created on the 26th of November today?

दोस्तों आज संविधान दिवस यानै (26 नवम्बर)है | आज ही के दिन  भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949को बनकर तैयार हुआ था।संविधान सभा  के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर थे | डॉ॰ भीमराव आंबेडकर  की 125 वी जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया। डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारत के महान संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन  में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया|
आंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा कई दशकों पूर्व से ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। भारत सरकार(प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ) द्वारा पहली बार 2015 से  डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के रूप में 26 नवम्बर को "संविधान दिवस" मनाया गया।  26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था |

जाने रविवार को ही छुट्टी क्यों होती है/Why is the holiday going on Sunday.

जाने रविवार को ही छुट्टी क्यों होती है 
जैसा की हम सभी जानते है की हफ्ते में सात दिन होते हैं, सोमवार से रविवार तक। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि रविवार के ही दिन छुट्टी क्यों होती है। संडे को स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर और भी कई संस्थानों में कामकाज की छुट्टी होती है।और इसी लिये सभी लोग इस दिन का इंतजार पूरे हफ्ते करते हैं।

जैसा की हम सभी जानते है, सोमवार का दिन तो बहुत ही उलझा सा जाता है, हफ्ते के शुरुआती दिन मे कई सारे काम प्लान करने होते हैं, इस दिन आपकी बैंड बज जाती है, दिन जाते जाते जब शुक्रवार आता है तो लगता है अब वीकेंड आ गया। मतलब शनिवार और रविवार लेकिन भारत में कई जगहों पर आज भी केवल रविवार को ही छुट्टी होती है। लेकिन रविवार की छुट्टी के पीछे एक ऐसा इतिहास या कहे तो एक ऐसी कहानी छिपी है। जिससे हम आपको रू-ब-रू कराते हैं।

जाने रविवार को ही क्यों होती है छुट्टी:-    
शनिवार को आधे दिन काम करना होता है। शुक्रवार से ही लोगों के दिल में उमंग उत्साह की लहर दौड़ने लगती है। सबको रविवार का इंतजार होता है। ताकि वे अपने और परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिता सकें और आराम कर सके। लेकिन क्या आपने इस बात पर जोर दिया है कि रविवार का ही दिन छुट्टी के लिए क्यों और कैसे निर्धारित हुआ?
सात साल कसंघर्ष के बाद लगी मुहर:-

नारायण मेघाजी लोखंडे ने अंग्रेजों के सामने यह प्रस्ताव रखा की, वे चाहते थे कि मजदूरों को सप्ताह मे एक दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए। ताकि वे आराम कर सकें और काम पर जब लौटें तो थके हुए न हों। लेकिन अंग्रेज उनकी बात से सहमत नहीं हुए।लेकिन लोखंडे प्रयास करते रहे।और ब्रिटिश सरकार ने 18 जून 1890 के ही दिन इस प्रस्ताव को स्वीकार किया|क्योंकि अंग्रेज रविवार को ही चर्च जाया करते थे। इसलिए रविवार का दिन ही छुट्टी के लिए चुना गया।

अखिरकार सात साल के संघर्ष के बाद आखिरकार अंग्रेजों ने इस पर मुहर लगाई और आज तक वही परंपरा चलती आ रही है। लेकिन मुस्लिम देशों में ऐसा नहीं होता है। वहां शुक्रवार को ही छुट्टी मनाई जाती है।